बीपीसीएल में सरकार बेच रही हिस्सेदारी: प्राइवेटाइजेशन से पहले कम्पनी ने दिया वीआरएस का ऑफर

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बीपीसीएल में सरकार की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी है। जिसको सरकार बेच रही है, सरकार ने इस हिस्सेदारी को बेचने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। बीपीसीएल देश की तीसरी सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी कंपनी है , भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड निजीकरण से पहले कर्मचारियों के लिए नया ऑफर लेकर आई है। इसमे में करीब 20 हजार कर्मचारी कम करते है , इस ऑफर के तहत कंपनी के कर्मचारी वॉलेंट्री रिटायरमेंट स्कीम का लाभ ले सकते हैं। जिसमे 45 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके कर्मचारी वे इसका लाभ ले सकते हैं इस वीआरएस 2020 स्कीम का लाभ. लेने के लिए 13 अगस्त तक आवेदन किया जा सकता है ।

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बीपीसीएल के कर्मचारियों को भेजे एक इंटरनल नोटिस में बीपीसीएल ने कहा है कि जो भी कर्मचारी निजी कारणों से काम नहीं करना चाहते हैं, वो अपना वीआरएस के लिए आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें की इस स्कीम का लाभ लेने के लिए 23 जुलाई 2020 से आवेदन शुरू हो गए हैं। और इस आवेदन करने की अंतिम तारीख 13 अगस्त 2020 तय की गई है। इस भेजे गए नोटिस के मुताबिक, 45 साल की उम्र पूरी करने वाले सभी कर्मचारी अगर चाहे तो वो इस वीआरएस के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, इसमें सक्रिय स्पोर्ट्स पर्सन और बोर्ड स्तर के एक्जीक्यूटिव शामिल नहीं किए गए हैं। नोटिस के मुताबिक, वीआरएस लेने वाले कर्मचारी को अब तक की सेवाओं के आधार पर प्रत्येक 1 साल के लिए 2 महीने की ही सैलरी दी जाएगी। या फिर मौजूदा सैलरी के मुताबिक नौकरी की बकाया अवधि के लिए सैलरी का भुगतान किया जाएगा। इन दोनों में से जो भी अवधि कम होगी उसी के आधार पे ये भुगतान किया जाएगा।

बीपीसीएल एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कंपनी के कई कर्मचारी प्राइवेटाइजेशन के बाद अपने रोल, पद और पोस्टिंग प्लेस को लेकर बहुत ही चिंतित भी हैं। इसलिए कंपनी से बाहर निकलने के लिए लोगों को यह विकल्प दिया गया है। जो भी कर्मचारी प्राइवेट मैनेजमेंट के साथ काम नहीं करना चाहते हैं, वो इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। अधिकारी का अनुमान है कि 5 से 10 फीसदी ही कर्मचारी इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं।

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DBAdmin

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